फैशन इंडस्ट्री में लगभग दो दशक बीता चुकी मालिनी रमानी ने पिछले दिनों फैशन की दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके दिल्ली और गोवा स्थित फैशन हाउस बंद हो चुकेहैं। बुटिक, टेलर्स, स्टिचिंग औार डिजाइनिंग से दूर अब वे अपना जीवन योग गुरू के तौर पर कुछ नया करके बिताना चाहती हैं। मालिनी के अनुसारकोरोना काल में अभी जिस तरह की स्थिति है, उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि हम सभी पर खतरों के काले बादल मंडरा रहे हैं। यह वक्तकिसी पार्टी के लिए चमकीले, स्टाइलिश परिधानों को डिजाइन का करने का नहीं है।
लगभग बीस साल पहले 2000 में रमानी ने इंडियन प्रिंसेस कलेक्शन के साथ अपने कॅरिअर कीशानदार शुरुआत की थी। पिछले बीस सालों के दौरानउनके फैशन हाउस में विदेशी सेलेब्स की भीड़ देखती ही बनती थी। इस फेमस डिजाइनर के सेलिब्रिटी क्लाइंट्स में सारा जेन दियाज, तमन्ना भाटिया, शिल्पा शेट्टी, तापसी पन्नू, ईशा गुप्ता, नरगिस फाखरी आदि नाम शामिल हैं। इंटरनेशनल स्टाइल आइकॉन पेरिस हिल्टन ने इनके द्वारा डिजाइन साड़ी पहनी थी।
छह साल की उम्र से कीसीखने की शुरुआत
मालिनी ने योग सीखने की शुरुआत छह साल की उम्र में उस वक्त ही जब उनकी मां ने उन्हें एक योग बुक गिफ्ट की। इस किताब में बताए गए योगासन को उन्होंने फन पोज के साथ करना शुरू किया। वे कहती है एक लर्नर से लेकर योगा टीचर बनने तक के सफर ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है।
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योग जीवन को नई ऊंचाई मिली
2006 में वे योग गुरु के तौर पर अपनी पहचान बना चुकी थीं। यही से उनके योग जीवन को नई ऊंचाई मिली। उन्होंने गुरुमुख खालसा से योग प्रशिक्षण लिया। उनसे योग सीखने का अनुभव वे शानदार मानती हैं। खुद मालिनी के शब्दों मेंयोग से मैंने अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करना सीखा। मेडिटेशन में बताए जाने वाले मंत्र और क्रिया मेरे मन को सूकुन देते हैं।
##हमेशा सीखने की इच्छा रखता हो
वे मानती हैं कि मेडिटेशन को योग में सबसे ऊंचा दर्जा हासिल है। मेरे जीवन में संतुलन को बनाए रखने में योग ने मुख्य भूमिका अदा की है। मुझे अब यह महसूस होता है कि योग की शक्ति ही मुझे हर काम को सही तरीके से करने की ताकत देती है। मालिनी मानती है एक अच्छा योग गुरु वही है जो हमेशा सीखने की इच्छा रखता हो, और दूसरों की बात ध्यान से सुनें।
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