लाइफस्टाइल डेस्क. दुनियाभर में भारतीय पर्यटन स्थलों का रुतबा बढ़ रहा है और देश में विदेशी सैलानियों की संख्या भी। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की टूरिज्म पर इससाल जारी हुई रिपोर्ट में भारत 40 से ऊपर बढ़कर 34वें स्थान पर आ गया है। 2018 में देश में सिर्फ टूरिज्म सेक्टर से लोगों को 4 करोड़ नौकरियां मिलीं। वर्ल्ड टूरिज्म एंड ट्रैवल काउंसिल का कहना है कि पिछले 10 सालों में पर्यटन के मामले में भारत ने दोगुनी ग्रोथ की है। सरकार की वीजा ऑन अराइवल पॉलिसी के कारण साल दर साल विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है।
भारत विविधता के लिए जाना जाता है यही बात यहां के टूरिस्ट प्लेसेज पर भी लागू होती है। जितनी तरह के टूरिस्ट प्लेसेज भारत में हैं शायद ही उतने किसी और देश में हों। आज राष्ट्रीयपर्यटन दिवस है, इस मौके पर जानिए देश के अलग-अलग तरह टूरिस्ट प्लेसेस के बारे में और चुनें आप कहां जाना चाहते हैं...
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मुन्नार, केरल : इसे भारत का ग्रीन कैपिटल भी कहते हैं। खूबसूरत वादियां, हिलटॉप और चाय-कॉफी के बागानों की खूबसूरती से रूबरू होना चाहते हैं तो मुन्नार जा सकते हैं। एडवेंचर के शौकीन के लिए यहां ट्रैकिंग, पैरा-ग्लाइडिंग, रोप क्लाइम्बिंग, बोटिंग और हाईकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।
ऊंटी, तमिलनाडु : नीलगिरी की पहाड़ियों के बीच घिरे इस हिल स्टेशन में सबसे ज्यादा टूरिस्ट पहुंचते हैं। घनी वनस्पति, नीले पर्वतों की श्रृंखला और चाय के बागान यहां की खासियत हैं। बोटेनिकल गार्डन्स, भवानी झील, नीलगिरी माउंटेन देखने लायक हैं।
मसूरी, उत्तराखंड : इसे पहाड़ों की रानी कहते हैं। यह आज भी ज्यादातर लोगों का फेवरेट हनीमून डेस्टिनेशन है। मसूरी लेक, केंपटी फॉल्स यहां की खूबसूरत जगहों में शामिल हैं। इसके अलावा मसूरी के सबसे ऊंचे पॉइंट लाल टिब्बा अलग अनुभव कराता है। यहां 20 मीटर ऊंचे टावर पर रखे पुराने टेलिस्कोप के जरिए पहाड़ी की खूबसूरती को निहार सकते हैं। शॉपिंग के लिए द मॉल और हिमालय की पहाड़ियों को देखने के लिए गन हिल भी जा सकते हैं।
दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल : ज्यादातर लोग दार्जिलिंग को सिर्फ चाय के खूबसूरत बागानों के लिए जानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। उगते सूरज के खूबसूरत नजारे के लिए मशहूर टाइगर हिल्स भी एक टूरिस्ट प्लेस है। कलिम्पोंग में दुर्लभ धर्मग्रंथों को देखा जा सकता है तो वहीं भारत के 6 शांति स्तूपों में से एक पीस पेगोडा महत्वपूर्ण स्थल है। तीस्ता में रिवर राफ्टिंग आपकी यात्रा को रोमांचक अनुभव देती है। यहां की टॉय ट्रेन भी देखने लायक है। यहां के रेलवे को 1919 में यूनेस्को की तरफ से विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिल चुका है।
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मनाली, हिमाचल प्रदेश : लाल और हरे सेब के बागानों के अलावा यहां रोप-वे, ट्रैकिंग, पैरा-ग्लाइडिंग और माउंटेन बाइकिंग का आनंद उठाया जा सकता है। यह राजधानी शिमला से 250 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां हिमालय नेशनल पार्क, हिडिम्बा मंदिर, सोलांग घाटी, रोहतांग पास, पनदोह बांध, पंद्रकनी पास, रघुनाथ मंदिर और जगन्ननाथी देवी मंदिर के दर्शन भी किए जा सकते हैं।
अंडमान-निकोबार : नीले समुन्द्र में रोमांच काअनुभव करना चाहते हैं तो अंडमान जा सकते हैं। यहां खासतौर पर स्कूबा डाइविंग के बेहतर विकल्प हैं। यह जितना ऊपर से खूबसूरत है उतना ही पानी के अंदर से भी। अंडर वॉटर वॉक के लिए जाएंगे तो आपको एक हेलमेट पहनना होगा। इससे आप आराम से सांस ले सकेंगे और रंग-बिरंगी कोरल के बीच मछलियों के साथ सैर कर सकेंगे। आप यहां स्कूबा डाइविंग, स्विमिंग, स्कीइंग, पैरास्लाइडिंग, बनान बोट राइड, अंडर वॉटर वॉकिंग आदि एडवेंचर गेम्स को इंजॉय कर सकते हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह लगभग 572 छोटे बड़े द्वीपों से मिलकर बना है, जिनमें से सिर्फ कुछ ही द्वीपों पर लोग रहते हैं।
गोवा : यह राज्य जितना समुद्र के किनारें के लिए जाना जाता है उतना ही एडवेंचर के लिए भी। पार्टी और फन के अलावा गोवा में ऐसा बहुत कुछ है जो पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है यहां आप जेट-स्कीस, बनाना राइड्स, पैरा ग्लाइडिंग और पैरासेलिंग को एंजॉय कर सकते हैं। इसके अलावा स्कूबा डाइविंग भी सुविधा उपलब्ध है।
ऋषिकेश, उत्तराखंड : पहाड़ियों के बीच होने के कारण यह शहर ट्रेकिंग के लिए बेहतर विकल्प है। ट्रेकिंग करने के दौरान दूसरे टूरिस्ट प्लेसेस भी घूमे जा सकते हैं। क्षेत्र के लोकप्रिय ट्रेकिंग मार्गों में गढ़वाल हिमालय क्षेत्र, बुवानी नीरगुड, रूपकुण्ड, कौरी दर्रा, कालिन्दी थाल, कनकुल थाल और देवी राष्ट्रीय पार्क शामिल हैं। फरवरी से अक्तूबर के बीच का समय ट्रेकिंग के लिए बेहतर है। यहां नदी को पार करने का आनंद भी अलग है, लोगों को रस्सियों पर चलते हुए नदी को पार करना होता है।
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अमृतसर : गोल्डन टेंपल यानी अमृतसर का दिल। भारत में ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक गोल्डन टेंपल देखने जाते हैं जिसे दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं यहां आना लंगर छकने के बिना अधूरा माना जाता है। यहां की खास बात है कि चारों दिशाओं से मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। गोल्डन टेंपल में चारों दिशाओं में दरवाजे खुलते हैं। जिसका मतलब है किसी भी धर्म का इंसान मंदिर में आ सकता है। वर्तमान में करीब सवा लाख से भी जादा लोग रोजाना यहां माथा टेकते हैं।
कन्याकुमारी : तमिलनाडु के शांत और खूबसूरत शहर कन्याकुमारी को केप कोमोरन के नाम से जाना जाता था। शहर का नाम देवी कन्या कुमारी के नाम पर पड़ा है, जिन्हें भगवान कृष्ण की बहन माना गया है। कला और धर्म-संस्कृति का पुराना गढ़ है। स्वामी विवेकानंद की इस धरती पर सबसे खूबसूरत दिखने वाला सूर्योदय और सूर्यास्त दिखाई देता है। कन्याकुमारी में तीन समुद्रों- बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिन्द महासागर का मिलन होता है। इस स्थान को त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है। यहां पर कुमारी अम्मन देवी का मंदिर है, जहां देवी पार्वती के कन्या रूप को पूजा जाता है। यहां थनुमालयन टेंपल है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश एक साथ दिखाई देते हैं।
बनारस, उत्तर प्रदेश : काशी को दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर भी कहा जाता है। गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर संस्कृति, पौराणिक कथाओं, साहित्य और कला का एक प्रमुख स्थान है। मान्यता है कि बनारस की उत्पत्ति उस समय की है जब भगवान शिव ने देवी पार्वती से शादी की थी और इस शहर को अपने रहने की जगह चुना था। काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक हैं जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में मौजूद शिव के ज्योतिर्लिंग को देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। वाराणसी में गंगा नदी पर मुख्य घाट दशाश्वमेध घाट यहां का एक बहुत ही खास स्थान है जो अपनी आध्यात्मिकता के लिए जाना जाता है। तुलसी मानसा मंदिर वाराणसी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण 1964 किया गया था जो भगवान राम को समर्पित है। मणिकर्णिका घाट का नाम वाराणसी के प्रमुख स्थानों में शामिल है।
शिर्डी : यह स्थान सांई बाबा समाधी मन्दिर के लिए प्रसिध हैं। इसे सांईनगर शिर्डी भी कहते हैं और सांई बाबा का विशाल मंदिर है। यह विश्व के सबसे अमीर मन्दिरों में से एक है।यहां पूरे साल कभी भी जा सकते हैं लेकिन धार्मिक स्थल होने के कारण खास मौकों पर काफी भीड़ होती है। इसलिए अक्टूबर से मार्च सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस दौरान यहां ज्यादा भीड़ नहीं होती। सोमवार और शुक्रवार के दिन भी मंदिर में कम भीड़ होती है।
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- गोवा में सबसे समुद्र के किनारों काचुनाव करना बेहद कठिन है। लेकिन कुछ अपनी खास तरह की खूबी के लिए जाने जाते हैं। जैसे- पणजी के उत्तर में मोरजिम बीच स्थित है, यह समुद्र तट तेजी से पर्यटकों में लोकप्रिय हो रहा है। मोरजिम बीच बर्ड वॉचिंग और यहां के लुप्तप्राय ओलिव रिडले कछुओं का घर है।
- मोरजिम के थोड़ा आगे दक्षिण दिशा स्थितवागा बीच एक अलग माहौल का अनुभव कराता है। यह गोवा के सबसे फेमस बीच में से एक है यहां शांत माहौल और प्यारा वातावरण देखने को मिलेगा। इसके साथ-साथ कैफेऔर सुनहरे रंग की रेत में एन्जॉय करने का मौकाभी मिलेगा।
- कलंगूट बीच को ‘समुद्र तटों की रानी’ और गोवा के सबसे खूबसूरत बीचके रूप में जाना जाता है। ब्रिटिश पर्यटकों के लंबी छुट्टियां बिताने के लिए सबसे लोकप्रिय समुद्र तटों में कैंडोलिम और कलंगूट बीच मशहूर हैं। यहां के रिसॉर्ट्स में बहुत ही अनुकूल वातावरण है, और यहां पर स्वादिष्ट गोआ करी पर्यटकों की फेवरेट है।
- उत्तरी गोवा के कम भीड़ वाले समुद्र तटों में से एक, सिंक्वेरियम बीच में सफेद रेत है और यह प्रसिद्ध अगुआदा किले के बहुत करीब है। इसके आसपास के कई शानदार होटल हैं, अगर आप किसी खासअवसर का जश्न मनाना चाहते हैं तो यहां कई लग्जरी पैकेज उपलब्ध हैं।
- पुरी का समुद्र तट, ओडिशा : इसकी गिनती रोमांटिक बीच के नामों में की जाती है। सफेद बालू और साफ पानी इसकी खूबसूरती में इजाफा करती है। यहां सूर्यादय और सूर्यास्त का नजारा बेहद खास होता है। अगर आप घूमने के लिए शांत जगह की तलाश में हैं और कुदरती खूबसूरती के बीच कुछ समय बिताना चाहते हैं तो यहां जा सकते हैं।
- मरीना बीच, चेन्नई : यह एशिया का सबसे बड़ाबीच है जो अपने आप में एक पूरा टूरिस्ट प्लेस है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि यह सिर्फ एक बीच है। लेकिन ऐसा नहीं है। मरीना बीच पर स्थित एक्वेरियम और आईस हाउस आकर्षण का केंद्र हैं। 224 साल पुराना चेपॉक पैलेस भी यहीं हैं। यह 1768 से 1855 तक आर्कोट के नवाब का आधिकारिक निवास था। इसे वास्तुकला की इंडो-सरसेनिक शैली में बनाया गया था। परिश्रम की विजय को दर्शाते स्टैच्यू और महात्मा गांधी की प्रतिमा यहां मौजूद है। इसके अलावा स्वामी विवेकानंद, डॉ. एनी बेसेंट, सर थॉमस मॉनरो, सुब्रमनिया भरतियार, एमजी रामचंद्रन, शिवाजी गणेशन, कन्नगी कमराजर समेत कई दिग्गजों के स्टैच्यू लगाए जा चुके हैं। स्वतंत्रता सेनानी मरीना बीच के किनारे ही ज्यादातर बैठके आयोजित करते थे। इसके अलावा कई राजनेताओं को यहां आना और इसकी खूबसूरती का आनंद उठाना बेहद पसंद था।
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