लाइफस्टाइल डेस्क. कौन नहीं चाहता, पर कई बार सजावट के सही तरीक़ों की जानकारी के अभाव में कुछ भूल हो जाती हैं, जिस कारण कमरे का आकर्षण कम हो जाता है, ख़ासतौर पर ड्रॉइंग रूम में। कुछ बातें याद रखी जाएं तो इस तरह की ग़लतियों से बचा जा सकता है। आरती खरे बता रही हैं कैसे इंटीरियर को और भी खूबसूरत बनाया जाए...
एक साइज़ के कुशन
अमूमन सभी लोग सोफे पर एक ही आकार के कुशन रखते हैं, जो कि सही नहीं है। सोफे पर असमान आकार के कुशन रखें। सबसे बड़ा फिर छोटा और आख़िर में छोटा कुशन या छोटा तकिया भी रख सकते हैं। समान आकार के कुशन्स को एक सोफे पर सजाने की अपेक्षा इनका अलग-अलग जगहों पर इस्तेमाल करें।
फर्नीचर का चयन
घर की सजावट के लिए कई बार ऐसे फर्नीचर ख़रीद लिए जाते हैं, जो कमरे के लुक से बिलकुल ही साम्य नहीं रखता। हर कमरे का अपना एक स्वरूप होता है। ढेर सारे लकड़ी के सामान के बीच लोहे का कोई स्टूल या पाउडर कोटेड लैम्प बिलकुल भी नहीं जंचेगा। सामानों के बीच रंग और बनावट की सामग्री का संतुलन ज़रूर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
पर्दों की सही जगह
खिड़की पर पर्दे टांगने के लिए सही तरीक़ा ये है कि खिड़की और सीलिंग के बीच में रॉड पर पर्दों पर लटकाया जाए और रॉड दीवार से चिपकी न होकर 6-8 इंच बाहर की ओर रहे। इससे खिड़की बड़ी भी दिखाई देती है और पर्दों को लगाने व हटाने में भी आसानी होती है।
सीनरियों का चयन
सीनरियों की सजावट काफ़ी पसंद की जाती है। पर ये न हो कि शौक़ के कारण कला का ग़लत प्रदर्शन किया जाए। ऐसी सीनरी का चयन न करें जो नकारात्मक हो। हमेशा खिलते हुए रंग वाली और छोटे कमरे में एक सीनरी लगाएं। बड़ी दीवार पर एक बड़ी सीनरी या फिर छोटी-छोटी कई सीनरियां लगा सकते हैं।
गलीचे की लंबाई
घरों में कालीन बिछाते समय इसकी लंबाई-चौड़ाई को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है। सजावट के प्रवीणों की हिदायत है कि कालीन न अधिक छोटा और न अधिक बड़ा हो, पर इतना लंबा-चौड़ा होना चाहिए कि सोफे के आगे के पाये कालीन के ऊपर आ जाएं।
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