गर्मियों में घर के भीतर रखे पौधों को भी उतनी ही देखभाल की जरूरत होती है, जितनी कि बाहर के पौधों को। भीतर होने के कारण इनमें पानी कितना डालें, इसकी गफलत सबसे ज्यादा होती है। इंडोर प्लांट्स की देख-रेख के पहले भाग में केवल पानी की बात-
साधो उतना दीजिए, जितना माटी को भाए
पौधों को रोज पानी देने से पहले जांच लें कि कितना देना है। इंडोर प्लांट्स के लिए कोई तय नियम नहीं है। आप मिट्टी से जांच सकते हैं।
- अगर मिट्टी की ऊपरी सतह सफेद-सी हो गई है, यानी आपने पानी ज़्यादा दिया है।
- अगर मिट्टी भूरी या सूखी रही है, तो पानी कम है।
- मिट्टी को उंगली से दबाकर देखिए। अगर हल्की नमी लगे, तो पानी मत डालिए। यह ध्यान दें कि अगर गमले के नीचे पानी भरा है, तो उसे निकाल दें क्योंकि इससे पौधा ख़राब हो सकता है। कैक्टस या एलोवेरा को दो बार पानी के बीच में एक बार सुखाना भी ज़रूरी है।
- मिट्टी को उंगली से दबाकर देखिए। अगर हल्की नमी लगे, तो पानी मत डालिए। यह ध्यान दें कि अगर गमले के नीचे पानी भरा है, तो उसे निकाल दें क्योंकि इससे पौधा ख़राब हो सकता है। कैक्टस या एलोवेरा को दो बार पानी के बीच में एक बार सुखाना भी ज़रूरी है।
- बहुत ज़्यादा पानी डालने से पौधे की पत्तियों की बढ़त कम हो जाती है, उनका रंग बदलने लगता है और उन पर चकत्ते दिखने लगते हैं। कम पानी होने से पत्तियों के सिरे सूखे दिखेंगे, वह मुड़ने लगेंगी और नीचे की पत्तियां पीली देखने लगेंगी।
- पौधों में डालने के लिए पानी सामान्य तापमान का होना चाहिए। सुबह का ताज़ा पानी बेहतर होगा। और वही समय भी। धीमे-धीमे पानी डालें और नीचे लगी ट्रे को जांचते रहें। पर्याप्त मात्रा में पानी डालना पौधों को स्वस्थ रखेगा और अच्छी बढ़त देगा।
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