शहर केगैर-लाभकारी संगठन पॉसम पीपल प्रोजेक्ट की संस्थापक मेघा जोस और उनके 150 स्वयंसेवक शहर के आवारा पशुओं को टीका लगवाने और मुश्किल से बचाने का काम करते थे। लेकिन देश में लगे लॉकडाउन की वजह से जब कोयंबटूर के सभी रेस्तरां बंद हो गए और यह जानवर भोजन से वंचित रहने लगे, तो जोस और उनके संगठन के 49 स्वयंसेवकों ने शहर भर के 1500 कुत्तों को खाना खिलाने का जिम्मा संभाल लिया।
मदद के लिए आगे आ रहे लोग
यह संस्था सुनिश्चित करती है कि जानवरों को सूखा भोजन खिलाया और पानी पिलाया जाए। साथ वह पूरी तरह से भोजन पर निर्भर ना हो, इसके लिए उन्हें जीवित रहने के लिए पर्याप्त भोजन देते हैं। कुछ स्वयंसेवक बिल्लियों के साथ-साथ आवारा गायों, बकरी और घोड़ों को भी खाना खिलाते हैं। खास बात यह है कि इस प्रोजेक्ट के तहत मदद करने ना सिर्फ स्वयंसेवक बल्कि अन्य लोग भी जुड़ रहे हैं। जोस ने बताया कि लोगों को इस तरह आगे आता देख अच्छा लग रहा है। एक झोपड़ी में रहने वाले परिवार को धारण देते हुए उन्होंने कहा कि जिसके पास कुछ नहीं है, वह भी 10 कुत्तों को खिलाने का जिम्मा ले रहे हैं।
60 आवारा जानवरों को खाना रहीं मेघा
देश में लगातार बढ़ते लॉकडाउन के कारण लोगों के उत्साह में कमी आने के सवाल पर मेघा बताती है कि अब लोग बिना किसी झिझक के इस कार्य को अपने जीवन का एक हिस्सा बना चुके हैं। उनका व्हाट्सएप ऐसे पशुओं की फोटो और वीडियो से भर चुका है, जिन्हें लोग रोजाना खिला रहे हैं। वह इन फोटोज और वीडियोज को फेसबुक पर शेयर करती है, जिसके बाद लोग इन्हें अडॉप्ट करने के लिए आगे आ रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत अब तक 10 कुत्तों को रेस्क्यू किया जा चुका है, जिसमें से दो अडॉप्ट किए जा चुके हैं, जबकि 8 अन्य की स्वयंसेवक खुद देखभाल कर रहे हैं। इस काम को करते हुए खुद जोस रोजाना 60 आवारा जानवरों को खाना खिलाती है।
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