लॉकडाउन की स्थिति में हम ये समझ चुके हैं कि मंजर घर के भी बदले जा सकते हैं। केवल ऊब दूर करने के लिए ही नहीं बल्कि मन के सुकून और शांति के लिए भी यह महत्वपूर्ण है। थोड़ी-सी प्रकृति घर के अंदर लाई जा सकती है, तो कुछ बदलाव आंखों के लिए भी किए जा सकते हैं। ये बदलाव और नयापन, घर को बदलने के साथ-साथ सुकून भरे पल भी देगा।
नजारे बदलकर देखिए
इतने दिन में घर की एक ही तरह की व्यवस्था देख-देखकर ऊब चुके होंगे। यह वक्त कुछ बदलाव करने के लिए सही है। कमरे में जो सामान जहां रखा है, उसकी जगह बदल दें। जो पेंटिंग बेडरूम में लगी है उसे लिविंग रूम में लगा दें, सोफे के कुशन बिस्तर के कुशन से बदल दें। फिलहाल ड्रॉइंग रूम को लिविंग रूम में भी बदला जा सकता है। सभी कमरों के सामान की इसी तरह से अदला-बदली करनी होगी। इससे घर को नया रूप तो मिलेगा। नजारे बदलेंग और नजरिया भी।
पौधे रखने का सलीका समझें
घर के अंदर गमला रखना प्रकृति से नजदीकी का सरल तरीका है। लेकिन एक-दो बातों का जरूर ध्यान रखें। पौधा कमरे में ऐसी जगह रखा जाए, जहां उस तक थोड़ी रोशनी ज़रूर आती हो और वह चलने-फिरने के रास्ते में न आता हो। यह पौधे की सेहत-बढ़त के लिए तो अच्छा है ही, उलझन कम करने के लिए भी जरूरी है।
सतहों को खाली रखें
हर कमरे से अतिरिक्त सामान हटाएं। जिस कमरे में आपकी बैठक अधिक है उस कमरे में कम से कम सामान रखें। यही व्यवस्था अन्य कमरों और रसोई में भी कर सकते हैं। टेबल, कूलर के ऊपर से, साइड टेबल आदि पर कोई सजावटी सामान या गुलदान आदि रखे हों तो इन्हें हटा दें। किचन काउंटर पर रखा सामान हटाएं और इसके लिए अलग से जगह बनाएं। खाली सतहें नजरों को आराम देती हैं। भरे-भरे से कमरे उलझन बढ़ाते हैं।
जरूरत नहीं तो खाली करें
लंबे समय से घर पर ही हैं, तो ज़ाहिर है थोड़ा हल्का और खुलापन महसूस करना चाहते होंगे। भरा हुआ घर और दीवारें घुटन महसूस करा सकती हैं। अगर घर की दीवारों पर कई तस्वीरें या पेंटिंग लगी हुई हैं, तो इन्हें हटा दीजिए। कई बार खाली दीवारें भी सुकून देती हैं। अगर कमरे में बड़ी पेंटिंग भी लगी हुई है, तो उसे भी उतार दीजिए। जहां ढेर सारे फ्रेम्स लगे हों, उन्हें हटाकर सिर्फ एक छोटी-सी तस्वीर या पेंटिंग लगाना ही काफी होगी।
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