बच्चे की इस दुनिया के लिए तैयार होने की प्रक्रिया स्कूल जाने के बाद शुरू नहीं होती, बल्कि बचपन से ही आरंभ हो जाती है। वह जो देखता है, सुनता है, उसको समझने और सीखने भी लगता है।
इसलिए उसके कच्चे मन की मिट्टी में उन गुणों को रोपें, जिनकी छाया में उसका ही नहीं, उससे जुड़े लोगों का जीवन भी सुखमय हो जाए।
बच्चों का भविष्य आज पर निर्भर करता है। अगर उन्हें अभी से शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करेंगे, तो आगे चलकर वे हर चुनौती का सामना आसानी से कर सकेंगे।
इसके अलावा भविष्य में वे कैसे इंसान बनकर उभरते हैं, ये भी आज पर निर्भर करता है। बच्चों को रोज़ाना कुछ ऐसे अभ्यास कराएं, जिनसे दिमाग़ तेज़ होगा, शारीरिक रूप से मज़बूत बनेंगे और अच्छे इंसान बनकर उभरेंगे। इसके लिए तैयारी आज ही से शुरू करनी होगी।
नैतिक कहानियां सुनाएं
अगर बच्चों में शुरू से ही अच्छे संस्कार डाल दिए जाएं, तो आने वाले समय में वे बेहतर इंसान बनकर उभरते हैं। वे अच्छी भावनाएं रखें, सही और ग़लत में अंतर समझें, इसके लिए उन्हें नैतिक कहानियां सुनाएं।
शिशुकाल से ही रोज़ एक कहानी की आदत डालना शुरू करें। उन्हें कहानियां पढ़कर सुनाने से उनकी सुनने की क्षमता बढ़ेगी और वे बेहतर श्रोता भी बनेंगे। जब वे बड़े हो जाएं, तो उन्हें पढ़कर सुनाने के लिए कहें जिससे उनमें अच्छे वक्ता के गुण भी आएंगे।
रोज़ पढ़ने का नियम बनाएं
बच्चे को रोज़ाना किताब का एक पन्ना पढ़ने के लिए कहें। इसके लिए हिंदी और अंग्रेज़ी, दोनों ही भाषा चुनें। आजकल अधिकांश बच्चे अंग्रेज़ी आसानी से पढ़ लेते हैं, लेकिन हिंदी पढ़ने में अटकने लगते हैं। इसके विपरीत कुछ बच्चे अंग्रेज़ी के शब्दों में अटक जाते हैं। इसलिए ये दोनों ही भाषाएं ज़रूरी हैं।
नियम से एक पेज अंग्रेज़ी और एक पेज हिंदी का पढ़ने के लिए कहें ताकि ये दोनों भाषाएं उन्हें आसान लगें। अगर हो सके तो एक पन्ना संस्कृत का भी जोड़ लें। ये केवल भाषा ज्ञान के लिए नहीं है, बेहतर उच्चारण और मज़बूत समझ के लिए भी है।
प्रेम और सहानुभूति जगाएं
रोज़ाना बच्चों के साथ मिलकर गाय या अन्य पशुओं को भोजन खिलाएं। उन्हें प्रेम करना सिखाएं। पौधे लगाने, पानी देने और पेट की देखभाल में बच्चों को शामिल करें। इनसे उनमें प्रेम, सहानुभूति और देखभाल की भावना विकसित होगी। अगर घर में पालतू है तो उसकी देखभाल की ज़िम्मेदारी बच्चे के साथ बांट सकते हैं।
संस्कृति के बारे में बताएं
बच्चों के लिए अपनी देश की विविधताओं को जानना बेहद ज़रूरी है। सिर्फ़ ज्ञान के लिए ही नहीं बल्कि सभ्यता और संस्कृति को समझने के लिए भी यह जरूरी है। विभिन्न राज्यों की लोक से जुड़ी एक कहानी रोज़ाना बच्चे को सुनाएं।
अगर आपको लगता है कि वह ऊब रहा है, तो इसे नाटकीय तरीक़े से दिलचस्प बनाकर सुना सकते हैं। इसके अलावा उन चीज़ों को भी शामिल कर सकते हैं जो इतिहास बन चुकी हैं, जैसे- पुराने सिक्के, पोस्टकार्ड, स्टेम्प आदि। इंटरनेट के ज़रिए उन्हें तस्वीरें भी दिखा सकते हैं। बच्चों की जानकारी जितनी ज़्यादा होगी, वो उतने ही बेहतर बनेंगे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/344OE6o
No comments:
Post a Comment