क्लाउड किचन यानी एक ऐसा किचन जहां सामान्य खाना पकाने का सेटअप तो हो पर डाइन-इन की व्यवस्था न हो, सिर्फ होम डिलीवरी या टेक-अवे सुविधा दी जाती हो। इसे डार्क किचन, घोस्ट किचन और सैटेलाइट किचन भी कहते हैं।
भोपाल में क्लाउड किचन का कॉन्सेप्ट यूं तो 15 साल पहले ही आ गया था, लेकिन कोविड के बाद इसमें काफी तेजी आई है। अनलॉक के बाद में शहर में 191 नए क्लाउड किचन रजिस्टर्ड हुए हैं। कहीं, गृहिणियां तो कहीं खाना पकाने के शौकीन युवा इन्हें चला रहे हैं।
खास बात यह है कि इनमें से अधिकतर शेफ राज्य विशेष के व्यंजन, शौकीनों के लिए उपलब्ध करा रहे हैं। वे रेसिपीज जो उन्होंने अपनी दादी-नानी से सीखी हैं और किसी रेस्त्रां के मेन्यू में नहीं मिलेंगी।
गृहणियां अपनी खानदानी रेसिपी अब उन परिवारों तक पहुंचा रही हैं, जिन्होंने इसका कभी नाम भी नहीं सुना। एक छोटे से एरिया में सेटअप में चल रहे यह किचन फूड शहर के व्यंजन प्रेमियों को भी खूब पसंद आ रहे हैं।
राजस्थानी फूड
सारिका किचन की मुख्य शेफ सारिका चतुर्वेदी ने बताया, उन्होंने एक साल पहले यह शुरू किया था, वे राजस्थानी व वेज कुजीन तैयार करती हैं। लाॅकडाउन में होम किचन बंद था, लेकिन अब डिमांड ज्यादा है। पहले एक दिन में 6 से 7 ऑर्डर आते थे, अब रोजाना 20 ऑर्डर मिलते हैं। जयपुर का खास पकवान टपोरे (मिर्च की सब्जी), बाटी, चूरमा, दाल व काबुली पुलाव हैं।
अवध का जायका
लॉकडाउन के बाद यूपी-32 क्लाउड किचन शुरू करने वाली शमे जेहरा कहती हैं कि लोग अपनी हैरिटेज कुजीन भूलते जा रहे हैं, तो उन्हें पारंपरिक व्यंजन चखाए जाएं। इनकी स्पेशियलिटी अवध कुजीन है। सप्ताह में 6-7 ऑर्डर्स उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए मिल जाते हैं।
बंगाली खान-पान है यहां खास
पार्क स्ट्रीट कैफे, किचन संचालक सब्यसांची रॉय व दिपांजन मुखर्जी ने जनवरी में अपने कैफे की शुरुआत की है। इनकी खासियत बंगाली व्यंजन हैं। इनमें वेज में छोलार दाल, आलू पोस्तो, गोभी कालिया, आम काशुंदी, चटनी
और नॉनवेज में शोर्शे माछ, बंगाली भोज थाल हैं। 5 से 6 ऑर्डर प्रतिदिन की जगह अब 22 ऑर्डर तक आतेे हैं।
ऐसे बनाएं क्लाउड किचन
रजिस्ट्रेशन: FSSAI और जीएसटी रजिस्ट्रेशन हो जो आप सीए या लॉयर के जरिए करा सकते हैं। शॉप एक्ट का रजिस्ट्रेशन www.labour.mp.gov.in पर करा सकते हैं।
किचन सेटअप के लिए इस क्लाउड किचन में 8 से 12 डिशेज सर्व की जाती हैं। पैकेजिंग के लिएफूडग्रेड व ईको-फ्रेंडली पैकेजिंग हो।
डिलेवरी के लिए क्लाइंट को टेक अवे दें या डिलेवरी एजेंसी लें। वक्त के लिहाज से टेक अवे काउंटर और वनटच सुविधा होना चाहिए।
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