कोरोना काल के बीच लोगों की मदद करती कई तस्वीरें लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसी ही एक तस्वीर कुछ दिनों पहले तमिलनाडु के मदुरई के सामने आई थी। जिसके बाद मदद के लिए आगे आई 13 साल की बच्ची चर्चाओं में बनी हुई है। लॉकडाउन में गरीबों की मदद करने वाली सैलून संचालक की बेटी को यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशन फॉर डेवलपमेंट एंड पीस (UNADAP) के लिए ‘गुडविल एम्बेसडर टू द पुअर’ नियुक्त किया गया है। 13 साल की एम. नेत्रा के पिता तमिलनाडु में एक सैलून चलाते हैं। लॉकडाउन में नेत्रा ने पिता मोहन के उसकी पढ़ाई के लिए बचाए 5 लाख रुपए से गरीबों की मदद की थी। इस काम के लिए नेत्रा ने अपने पिता को भी राजी किया था।
संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलनों में बोलने का मिलेगा अवसर
गुडविल एंबेसडर नियुक्त किए जाने पर UNADAP ने बताया कि इसके जरिए नेत्रा को दुनियाभर के नेताओं- राजनेताओं, शिक्षाविदों और नागरिकों से बात करने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही इसके साथ ही गरीब लोगों तक पहुंचने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। इतना ही नहीं उन्हें संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलनों और सिविल सोसाइटी के मंच पर बोलने और का भी मौका दिया जाएगा। पिछले दिनों नेत्रा के इस जज्बे का प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में भी जिक्र किया था।
पीएम मोदी ने की तारीफ
अपने कार्यक्रम मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने नेत्रा और उनके पिता की सराहना की थी। पीएम ने कहा था कि मोहन जी मदुरई में सैलून चलाते हैं। कड़ी मेहनत से उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए 5 लाख रुपए जोड़े थे, लेकिन इस मुश्किल दौर में उन्होंने बच्ची की पढ़ाई के लिए बचाए पैसों को गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए खर्च कर दिए। इसके अलावा तमिलनाडु के मंत्री सैलुर राजू ने भी नेत्रा और उनके पिता की तारीफ करते हुए कहा कि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी से बच्ची को स्वर्गीय जयललिता के नाम पर एक पुरस्कार देने की सिफारिश करेंगे।
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