वर्तमान समय एक पहेली सा नजर आ रहा है जो और कितनी उलझेगी, कब और कैसे सुलझेगी। ऐसे प्रश्नों का जवाब कोई नहीं जानता। बस सब इसे जल्द से जल्द सुलझाना जरूरी समझ रहे हैं। कुछ बातों पर यदि हम गौर करें तो ये मुश्किल भरा समय भी यकीनन सकारात्मक बनाया जा सकता है।
कुछ नया करने का प्रयत्न करें:लगातार एक जैसे जीवन से हम उब जाते हैं। उदाहरण के तौर पर ये लॉकडाउन शुरुआत में एक-दूसरे के साथ समय बिताने व रिलेक्सेशन के हिसाब से अच्छा लग रहा था परंतु अब एक जैसा होने की वजह से आनंद कम होने लगा है। ऐसी स्थिति में पुराने कामों को नए तरीके से करेंगे तो वे भी नए जैसा ही सुख देंगे।
अनुभवों का स्वागत करें : हर नवीन चीज हमें अच्छा ही अनुभव देगी, ये बिल्कुल जरूरी नहीं है। यानी कुछ सीखना है, कुछ नया करना है तो हर तरह के अनुभव व चुनौतियों के लिए हमें तैयार रहना चाहिए। उन अनुभवों को अपनाने से हम परिपक्व तथा मन से मजबूत होते हैं।
समय को सलाम करें : इस समय को मन से स्वीकारते हुए यदि जिंदगी जीते हैं तो भी जीवन के खास लक्ष्यों का निर्धारण किया जा सकता है। जैसे हम जान लें कि लॉकडाउन के कारण मिले पर्याप्त समय में खुद से क्या-क्या उम्मीद की और वह कितनी पूरी हुई ताकि जब जीवन सामान्य हो तो बेहतर आदतों के साथ इससे बाहर आएं।
इच्छाओं को सीमित रखे: उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करें और जो अभी नहीं है उसके बारे में परेशान होकर समय व्यर्थ ना गवाएं। कहने का मतलब यह है कि अभी जिस महामारी के आगे हम झुके हैं, इस दौर में स्वाभाविक है की चीजें हमारे हिसाब से नहीं बल्कि समय के हिसाब से चल रही हैं। ऐसे में अपनी इच्छाओं को सीमित रखकर जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करें।
स्वयं को समझने की कोशिश करें : हम ईमानदारी से अपना आत्मविश्लेषण ये करे कि लॉकडाउन के पहले हमारे पास दूसरों एवं खुद के लिए समय नहीं था। आज हमारे पास भरपूर समय है तो इन दोनों स्थितियों में क्या फर्क है। आगे जीवन में हमने यदि इस फर्क का बेहतर समन्वय कर लिया तो ये लॉकडाउन जीवन में सफलता की कड़ी में अविस्मरणीय अवधि के रूप में जुड़ जाएगा। निश्चित रूप से यही वह समय है जो आपकी खुद से पहचान कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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