कोरोनावायरस की मार झेल रहे देश में लगातार कई दिनों से लॉकडाउन जारी है। ऐसे में लॉकडाउन के चलते सभी कारोबार खासा प्रभावित हो रहे हैं, जिसके कारण सभी लोग शटर डाउन करने के लिए मजबूर है। लेकिन इस बीच वाराणसी में कुछ महिलाएं ऐसी भी है, जिन्होंने इस मुश्किल दौर में जरूरतमंदों की मदद करने का फैसला किया। वाराणसी के ऑरेंज कैफे एंड रेस्तरां की स्थापना करने वाली एसिड अटैक सर्वाइवर यह महिलाएं आज कोरोना वॉरियर बनकर अपना फर्ज निभा रही हैं।
6,900 पैकेट कर चुकीं वितरित
देश में शुरू हुए लॉकडाउन के 1 सप्ताह से भी कम समय में ही इन महिलाओं ने प्रवासी मजदूरों, रिक्शा चालकों, एकल महिलाओं, वृद्धों, बेघरों, दैनिक यात्रियों और शहर में अलग-थलग पड़े लोगों के लिए भोजन पैकेट बनाकर वितरित करने का काम शुरू कर दिया था। यह महिलाएं पराठा- सब्जी, पूरी- सब्जी या दाल चावल से भरे 200 पैकेट रोजाना वितरित कर रही हैं। अब तक यह लोग 6900 पैकेट स्थानीय पुलिस, सरकारी संगठनों आदि के सहयोग से लोगों तक पहुंचा चुकी हैं।
मिल रही प्रशंसा
इनमें से एक महिला बदामा देवी बताती है कि एसिड हमलों के बाद हमने जीवन में कई तरह की कठिनाइयों का सामना किया है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण घड़ी में समाज के कमजोर वर्गों के लिए कुछ कर खुश और संतुष्ट हूं। यह पहल पूरे वाराणसी के 14 स्थानों में जारी है। अपने इस काम के लिए इन महिलाओं को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से भी सराहना मिल चुकी है। यहां तक कि केंद्रीयजल शक्ति मंत्रालय के नमामि गंगे कार्यक्रम में भी इनकी इस पहल की फेसबुक पेज पर सराहना की है।
14 फरवरी को की कैफे की शुरूआत
एसिड अटैक सर्वाइवर बदामा देवी, संगीता कुमारी, शन्नो सोनकर, विमला देवी और सोमवती ने इस साल 14 फरवरी को इस कैफे की शुरूआत की। 10 लाख रुपए की लागत से बने इस कैफे की परिकल्पना 18 महीने पहले की गई थी। जीवन में आई बाधाओं को दूर करने और समाज में अपना सही स्थान बनाने का दृढ़ संकल्प लेने वाली यह महिलाएं आज अपने काम से ना केवल सराहना पा रही हैं, बल्कि लोगों के लिए मिसाल भी पेश कर रही हैं।
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