Saturday, 9 May 2020

कहानियां उन मांओं की जो अपने बच्चों को घर पर छोड़कर दूसरी मांओं के लाल को बचाने में जुटी हैं

आज मदर्स डे है लेकिन बहुत सी माएं अपने बच्चों से दूर हैं। ये मांएं फ्रंटलाइन वर्कर हैं जो किसी दूसरी मां के बच्चों को कोरोना से बचाने में जुटी हैं। ये अपने मरीजों के लिए भगवान भी हैं और मां भी। ऐसी स्थिति एक देश की नहीं, दुनियाभर में है। मां का दिल वाकई में कितना बड़ा होता है, मदर्स डे के मौके पर इन तस्वीरों की कहानियों से समझिए...

कर्नाटक : सुगंधा कोरेपुर पेशे से नर्स हैं और वह अपनी बेटी से जितनी करीब हैं उतनी ही दूर हैं। इनकी तैनाती कर्नाटक में बेलागवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के कोविड-19 वार्ड में हुई है। जब वह 15 दिन तक घर नहीं पहुंची तो पिता के साथ बेटी अस्पताल के सामने पहुंची। दोनों एक दूसरे को देखकर रोते रहे लेकिन मिल नहीं सके। यह तस्वीर अप्रैल में ली गई थी। हाल ही में इसका एक वीडियो वायरल हुआ और इस पूरी घटना की तारीफ करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सुगंधा को फोन करके हाल पूछा।
गुजरात : मयूरी बेन लैब टेक्नीशियन हैं और 8 माह के जुड़वा बच्चों की मां भी। लॉकडाउन में बसें बंद हैं इसलिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने के लिए रोजाना स्कूटी से ही 75 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। मयूरी संक्रमण के खौफ के बीच बच्चों को मां और पति के पास छोड़कर सूरत के पुणा पटिया से वालोड तहसील के कणजोड पीएचसी पहुंचती हैं। वर्तमान हालात में मयूरी के लिए लोगों को बचाना ही राष्ट्र सेवा है।
मध्यप्रदेश : यह तस्वीर मध्य प्रदेश के होशंगाबाद की प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. शोभना चौकसे की है जो 22 साल बाद सरोगेसी से जुड़वा बच्चों की मां बनी है। डॉ. शोभना पेशे से बीएमओ हैं और बच्चों की परवरिश से दूर ड्यूटी पर तैनात हैं। बच्चों का जन्म 26 मार्च को हुआ है और उनकी देखभाल इनके भैया-भाभी कर रहे हैं।
राजस्थान: महिला डॉक्टर्स जितना चिकित्सा के क्षेत्र में डटी हुई हैं उतना ही महिला पुलिसकर्मी भी लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने में बच्चों से दूर हैं। परमेश्वरी जोधपुर के थाना झंवर में सब-इंस्पेक्टर पद पर हैं। वह जब घर पहुंचती हैं तो 3 साल का बेटा सो चुका होता है और उसके उठने से पहले ड्यूटी के लिए निकल जाती हैं। संक्रमण से बचाने के लिए घर में रहते हुए भी बेटे से दूर अलग कमरे में सोना पड़ता है। परमेश्वरी के मुताबिक, महामारी से पहले जब घर पहुंचती थी तो बेटा प्रत्युश लिपट जाता था, अब उससे दूर हूं।
चीन : ये हैं झु यान और जु लुलू, दोनों ही चिकित्साकर्मी हैं। इनकी तैनाती चीन के अन्हुई प्रांत के एक अस्पताल में हुई, जहां ये अस्थायी मां के तौर पर काम कर रही है। ऐसे लोग जो कोरोना से पीड़ित हैं वेंटिलेटर पर है, ये उनके बच्चों की देखभाल कर रही हैं। बच्चों की मां इलाज के बाद क्वारेंटाइन में रहीं और दूसरी बिल्डिंग से अपने बच्चों का चेहरा देखकर ही खुश हो जाती हैं। यह तस्वीर फरवरी में ली गई थी।
अमेरिका : कैमरून वॉकर पेशे से नर्स हैं और वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के अस्पताल में इमरजेंसी वॉर्ड में तैनात हैं। 12 घंटे की शिफ्ट में कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए समय बीतता है। वह कहती हैं कि घर पर दो बेटियों की चिंता से ज्यादा परेशानी में डालने वाली यह बात है कि कहीं मुझसे उन तक संक्रमण न पहुंच जाए। हर रात जब अस्पताल से घर के लिए निकलती हूं तो डरी रहती हूं कि कहीं मैं संक्रमण घर तो नहीं ले जा रही।
सिंगापुर : संक्रमण के खतरे के बीच 38 साल की नोराशिंता मंसूर 7 माह की गर्भवती हैं। उनकी ड्यूटी कोरोना के हाई रिस्क वार्ड के बगल में ही लगाई गई है। नोराशिंता को ऐसी स्थिति में छुट्‌टी पर रहने का विकल्प दिया गया था लेकिन इन्होंने लोगों की जान बचाने का रास्ता चुना। वह कहती हैं कि एक नर्स के तौर पर मैं अपने फर्ज से दूर नहीं भागना चाहती। यह तीसरी महामारी है जिसका मैं सामना कर रही हूं। नोराशिंता को इस बात का मलाल है कि उन्हें डिलीवरी के बाद 4 महीने की मैटरनिटी लीव पर जाना पड़ेगा।
अमेरिका : यह जेसिका चेन हैं जो अपनी दोनों बेटियों को माता-पिता के घर छोड़ने जा रही हैं। जेसिका के पति ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक शोधकर्ता हैं। दोनों ही कोरोना से लड़ने और लोगों को बचाने की जंग में कूद पड़े हैं। घर आने पर संक्रमण का खतरा न हो और महामारी के दौर में अपने काम को अधिक समय देने के लिए बच्चों को खुद से दूर रखा है। महामारी रुकने तक ऐसे ही काम करने की योजना है।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Mothers Day 2020 Special In Photo Story Of Corona Crisis Warriors Who Saving Lives
Mothers Day 2020 Special In Photo Story Of Corona Crisis Warriors Who Saving Lives


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2WEL4L7

No comments:

Post a Comment

Goldprice dips Rs 10 to Rs 62,720, silver falls Rs 100 to Rs 74,900

The price of 22-carat gold also fell Rs 10 with the yellow metal selling at Rs 57,490 from Markets https://ift.tt/rpZGNwM