लाइफस्टाइल डेस्क. ‘अगर मैं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती, तो जरूरतों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। पैसे न होने से एक ऐसे रिश्ते को लंबे समय तक झेलना पड़ा, जहां रोज मारपीट होती थी बच्चे की वजह से मुझे मजबूरन ऐसे व्यक्ति के साथ रहना पड़ा, जिसने क्रूरता की सारी हदें तोड़ दी थीं। क्योंकि आर्थिक रूप से मजबूत होने से कानून भी उन्हीं का साथ देता। पैसे नहीं होते, तो आप बुरी तरह से जाल में फंस जाते हैं और छटपटाने के अलावा कुछ नहीं कर सकते।’
ये मुश्किलें ब्रिटेन की उन महिलाओं की हैं, जो घरेलू हिंसा का शिकार हुईं और न चाहकर भी उसे झेलती रहीं। जिंदगी को लगभग नर्क कर देने वाले रिश्ते में बंधे रहने की सबने एक बड़ी वजह बताई- आर्थिक स्वतंत्रता न होना। अमेरिका, यूरोप में ऐसी महिलाओं के लिए शेल्टर होम होते हैं, लेकिन जिंदगी गुजारना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे में आर्थिक स्वतंत्रता सबसे बड़ी ताकत होती है। घरेलू हिंसा का शिकार ऐसी ही महिलाओं के लिए ब्रिटेन की ग्रेट वेस्टर्न रेलवे ने मुफ्त टिकट की घोषणा हुई है, ताकि आने-जाने और नौकरी ढूंढने में मुश्किलें न झेलनी पड़े। इसकी कार्यकारी सीईओ एडिना क्लेयर कहती हैं- यह उनके इस बड़े संकट में छोटी सी मदद है।
30% महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार
यूएन वूमन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में करीब 30% महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार हैं। अमेरिका और यूरोप में अप्रैल-दिसंबर के बीच घरेलू हिंसा की वजह से बेघर कर दी गईं महज 2% महिलाओं को शेल्टर या अन्य मदद मिल पाई। एक सर्वे में घरेलू हिंसा का शिकार दो तिहाई महिलाओं ने कहा कि पति ने पैसों के दम पर उन पर नियंत्रण लगा रखा था।
घरेलू हिंसा से ब्रिटेन को सालाना 6.13 लाख करोड़ का नुकसान
कॉमनवेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू हिंसा की वजह से ब्रिटेन को सालाना 6.13 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होता है। बच्चों की देखभाल, पुलिस, कोर्ट लोग काम पर नहीं जा पाते, जिससे नुकसान होता है।
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