लाइफस्टाइल डेस्क.घरों में चूल्हे के बजाय रसोई गैस का उपयोग तो बड़ी मात्रा में शुरू हो गया, लेकिन महिलाएं यहां भी प्रदूषण से सुरक्षित नहीं हैं। गैस का बर्नर चालू करते ही नॉक्स (नाइट्रोजन ऑक्साइड) निकलना शुरू हो जाती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है, जबकि महिलाएं पराठे सेंकती, तलती व छौंक लगाती हैं।
ऐसा करते समय सबसे ज्यादा नॉक्स उत्पन्न होता है और वह पीएम 2.5 व पीएम 10 के साथ मिलकर शरीर में पहुंचता है और ज्यादा घातक साबित होता है। इससे बचने के लिए महिलाओं को किचन में काम शुरू करने से 10 मिनट पहले किचन की चिमनी व एग्जास्ट फेन चालू कर देना चाहिए।
प्रो. जैन नम्रता जैन के अनुसार
श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय की प्रो. नम्रता जैन ने कहा इनडोर वायु प्रदूषण दस गुना अधिक घातक होता है। मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी महाविद्यालय के डॉ. अनिल शर्मा ने कहा पुराने वाहनों से ध्वनि एवं वायु प्रदूषण की समस्या होती है।
इनको क्रमबद्ध रूप से फेजआउट करने की आवश्यकता है। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आरके गुप्ता ने बताया इंदौर का 2009 से 2014 के बीच वायु प्रदूषण का स्तर मानक सीमा से काफी अधिक रहा, जिसके कारण 2009 में इंदौर को केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, नई दिल्ली ने क्रिटिकली पॉल्यूटेड एरिया घोषित किया था।
इससे किचन में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 कण बाहर निकल जाएंगे। यह बात केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक सुनील कुमार मीणा ने गुरुवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा किचन में चिमनी लगाने के बजाय एग्जास्ट फेन लगाने पर ध्यान देना चाहिए। वह चिमनी के मुकाबले चार गुना तेजी से प्रदूषित हवा को बाहर करता है
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