लाइफस्टाइल डेस्क. गंजेपन से निपटने के लिए मेनचेस्टर में दुनिया का पहला हेयर बैंक खोला गया है।इस बैंक में अपने बालों के सेम्पल फ्रीज करवा सकते हैं और जब आपको लगे किबाल काफी झड़ चुके हैं औरहेयर ट्रांसप्लांट की जरूरत है तो अपने फ्रीज सैंपल के जरिए दोबारा घने और सुंदर बाल पा सकते हैं। हेयर फ्रीज करने के लिए 2 लाख 30 हजार रुपए तकखर्च करने पड़ेंगे।
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मेनचेस्टर के इस हेयर बैंक की पहल से पुरुषों को खासफायदा होगा,क्योंकि आधे से ज्यादा पुरुष30 साल की उम्र के बाद गंजेपन की समस्या से जूझते हैं। अकेले ब्रिटेन में ही तकरीबन 65 लाख मर्द गंजेपन की समस्या से जूझ रहे हैं।मर्दों में गंजापन जेनेटिक और हार्मोन्स के बदलाव की वजह से होता है।इससे निपटने के लिए कई दवाइयां बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन उनके साइड इफेक्ट्स भीहोते हैं। वहीं, ट्रांसप्लांट में खासा खर्चा उठाना पड़ता है। कई बार हेयर ट्रांसप्लांट सफल नहीं हो पाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं।
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हेयर बैंक के मेडिकल डायरेक्टर और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन बेस्सम फर्जो के मुताबिक, वे हेयर सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं जिसे फ्रीज करके रखें। हेयर बैंक में करीब 100 बाल जड़ सहित रखे जाएंगे। ये बाल सिर के पिछले हिस्से (स्केल्प) से लिए जाएंगे जहां बालों की डेंसिटी ज्यादा हो। बाल 7 सेंटीमीटर तकलंबा होना चाहिए। इस प्रक्रिया में केवल 30 मिनट लगेंगे।
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स्केल्प से लिए गए बाल कोमाइनस 180 डिग्री सेल्सियस तापमान में तब तक जमाया जाएगा, जब तक बाल पतले न हो जाएं। इसके बाद इन्हें पिघलाकर इनकी जड़ों से छोटी कोशिकाएं निकाली जाएंगी। इन कोशिकाओं को डर्मन पेपिलाई कहा जाता है। इन्हीं छोटी-छोटी कोशिकाओं की मदद से सिर पर बाल आते हैं।हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. फरजो कहते हैं कि सफलतापूर्वक हेयर ट्रांसप्लांट करने का तरीका अभी तक पतानहीं चल पाया है। डॉ. फरजो बताते हैं कि इससे पहले भी कई बार डर्मन पेपिलाई कोशिकाओं की मदद से हेयर ट्रांसप्लांट करने की कोशिश की गई है, लेकिन यह तरीका कभी सफल नहीं हो पाया। उनके मुताबिक, कई सालों पहले कैम्ब्रिज में भी ऐसा प्रयोग किया गया था, जो चूहों पर तो सफल हो गया था लेकिन इंसानों पर यह तरीका काम नहीं कर पाया।
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डॉ. फरजो कहते हैं कि इस तरीके से गंजेपन को दूर करना महंगा होगाक्योंकि शुरुआत में ही करीब 2.30 लाख रुपए का खर्चआएगा। इसके बाद हर साल 2.75 लाख रु. से लेकर6.50 लाख रु. तक खर्च होंगे। इसके अलावा, पुरुषों को अपने बालों को स्टोर करने के लिए भी सालाना 9 हजार रुपए की फीस देनी होगी। शुरुआत में बालों को मोटा करने पर फोकस किया जाएगा और इसके बाद गंजेपन को दूर करने पर ध्यान दिया जाएगा।
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- पुरुषों में गंजापन डाय-हाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (डीएचटी) नामहार्मोन की वजह से आता है। दरअसल, डीएचटी सिर या माथे पर मौजूद डर्मन पेपिलाई कोशिकाओं पर हमला करता है, जिससे बाल पतले होने लगते हैं और धीरे-धीरे नए बाल पैदा होना बंद हो जाते हैं। इसी वजह से गंजेपन में पीछे तो बाल रहते हैं, लेकिन सामने बाल नहीं रहते।
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- हेयर ट्रांसप्लांट में करीब 5 लाख तक का खर्च आता है। ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में मौजूदा बालों को खाली जगह पर लगाया जाता है लेकिन कभी-कभी ये सफल नहीं होता है। हाल ही में हुई कुछ रिसर्च में ये सामने आया है कि गंजेपन से निपटने के लिए नई तकनीक का अवश्यकता है।
- इसी महीने दक्षिण कोरियन के कुछ वैज्ञानिकों ने गंजेपन पर अध्ययन किया, जिसमें उन्होंने पाया कि गंजेपन का एक कारण प्रदूषण हो सकता है। वहीं इस साल मई के महीने में हुई एक रिसर्चमें ये दावा किया गया था कि वक्त से पहले गंजेपन का मुख्य कारण तनाव, कम नींद और पोषण आहार ना लेना है।
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