साइंस डेस्क. पर्यावरण ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के नाम पर भौंरे जैसेदिखने वाले एक कीटका नाम रखा गया है। इस कीटकी खोज 1965 में हुई थी, लेकिन अब तक कोई नाम नहीं दिया गया था। पर्यावरण संरक्षण को लेकर ग्रेटा के योगदान को देखते हुए ऐसा किया गया है। कीड़े का नाम नेलोपटोड्स ग्रेटी रखा गया है। एंटोमोलॉजिस्ट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार,इस कीड़े की न तो आंख है और न ही पंख। यह 1 मिमी लंबा है।
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कीटके सिर के पास लगे एंटीने पिगटेल्स जैसे दिखते हैं। नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम, लंदन के एक्सपर्ट के मुताबिक, ग्रेटा काफी निर्भीक हैं और दुनिया के सामने पर्यावरण संरक्षण अभियान पर बेबाक राय रखती हैं। उनका काम प्रशंसनीय है।
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म्यूजियम के साइंटिफिक एसोसिएट डॉ. माइकल डर्बे का कहना है कि यह कीटलाखों जीवों के कलेक्शन के दौरान प्रकृतिविदडॉ.विलियम ब्लॉक को केन्या में मिला था। 1965 में मिले इस कीटको 1978 में नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम को डोनेट कर दिया गया था।
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डॉ. डर्बे के मुताबिक, इसका नाम तय करने में 50 साल से ज्यादा का समय लग गया। इसकी प्रजाति के नाम में ग्रेटा का नाम जोड़ा गया है। यह कीड़ा टिलिएडी फैमिली का है,जिसे दुनिया के सबसे छोटे कीटोंवाला परिवार कहा जाता है। मेरी नजर इस पर तब पड़ी, जब मैं कलेक्शन का अध्ययन कर रहा था।
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म्यूजियम के सीनियर क्यूरेटर डॉ मैक्स बार्कले का कहना है कि इस कीड़े का नाम रखना बेहद जरूरी था क्योंकि इसकी खोज को एक लंबा अर्सा गुजर चुका था। इसका नाम आज के समय के मुताबिक रखने के लिए भी ग्रेटा का नाम बेहतर लगा,क्योंकि वेपर्यावरण संरक्षण अभियान से जुड़ी हैं।
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