कोरोना वायरसने लोगों का ध्यान अब स्वास्थ्य पर केन्द्रित कर दिया है। एक तरह जहां इम्युनिटी बूस्टर मसालों की डिमांड बढ़ी है, वहीं अब शहर के लोग कोशिश कर रहे हैं कि वे सब्जियां, अनाज, दूध और तेल भी ऑर्गेनिक व केमिकल फ्री ही इस्तेमाल करें।
शहर के ऑर्गेनिक फार्मर्स और इस क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप ओनर्स के मुताबिक, सिर्फ लॉकडाउन में ही करीब 3500 से अधिक नए परिवारों ने ऑर्गेनिक पर शिफ्ट होने का निर्णय लिया। यह ऑर्गेनिक सब्जियां, फर या दूसरे फूड आइटम्स केमिकली ट्रीटेड चीजों की तुलना में कुछ महंगे जरूर हैं, लेकिन यह कम से कम यह भरोसा जरूर देते हैं कि खाई जा रही चीजें शुद्ध हैं।
ट्रैक कर सकेंगे सब्जी कितनी सेफ
ऑर्गनिक फॉर्मर प्रतीक शर्मा बताते हैं कि, लॉकडाउन के बाद करीब 1800 लोग ऑर्गेनिक फूड पसंद कर रहे हैं। अब लोगों कीप्रियॉरिटी यह भी है कि उन्हें यह पता चले कि सब्जी कितने हाथों से होकर गुजर कर उन तक पहुंची है। हम ऐसा ट्रैकिंग सिस्टम दे रहे हैं। पूरा साइकिल सेफ रहे, इसके लिए हम पैकेजिंग भी डिस्पोजेबल कर रहे हैं।
अनाज भी डिमांड में
ऑर्गनिक फॉर्मर सुधांशु शर्मा बताते हैं, हेल्थकेयर को लेकर अवेयरनेस बढ़ी है। यही वजह है कि सब्जियाेंके साथ ऑर्गनिक अनाज अब पहली पसंद है। हमारी टीम ने फसाई से ट्रेनिंग ली, ताकि सेफ डिलीवरी दे सकें। भोपाल के लोग में ऑर्गेनिक दालें और गेहूं की डिमांड भी 40 प्रतिशत बढ़ी है।
खरीदनी पड़ी नई गाय
ऑर्गेनिकदूध प्रोवाइडर श्वेता शर्मा ने कहा, अब ऑर्गेनिक दूध की डिमांड इतनी बढ़ी है कि मैं नई देसी गांयखरीद रही हूं। गायों से मिले दूध की क्वालिटी अच्छी हो, इसके लिए मैं उन्हें हर्ब्स ही खिलाती हूं। सचमुच दूध ऑर्गेनिक है, फॉर्म जाकर जाचें।
यह जरूर चेक करें
एमपी ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी के मुताबिक जिस फार्म पर सब्जियां उगाई गई हैं, वहां अनाज बोने के पहले तीन सालों तक किसी रसायन का उपयोग ना किया गया हो। बीज भी वे ही इस्तेमाल किए गए हों, जिसमें केमिकल ना डाला गया हो। सब्जी, अनाज या फल केमिकल फ्री उगाने के बाद इसको स्टोर करने में ही रसायनों का इस्तेमाल ना हो।
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