लॉकडाउन में तुरंत बाहर आ जाने का असुरक्षित कदम कम ही लोग उठाना चाहते हैं। ऐसे में दूसरे शहरों, खासतौर पर रेड जोन में रह रहे अपनों के लिए फिक्र होना लाजिमी ही है। अब भी बहुत से युवा अजनबी शहरों में, अपनी नौकरी पर तैनात हैं और परिवार से दूर हैं। बुजुर्ग हैं, जो किसी केयरटेकर के साथ या किसी की भी परवाह के अभाव में बिल्कुल अकेले हैं। नवविवाहित हैं, नवजात के माता-पिता हैं, जो इस समय बिना किसी बड़ी बुजुर्ग की मदद के बच्चे की परवरिश कर रहे हैं। चिंताएं हैं और हर पल उनकी सेहत को लेकर भय हैं।
लेखिका कैरोलिन मिस के मुताबिक बेहतर जिंदगी के लिए आपके पास अभी सामर्थ्य का छुपा खजाना मौजूद है हिम्मत कीजिए बेहतर जीवन का चुनाव कीजिए ऐसे कदम उठाइए जैसे कि आप में दुनिया बदल देने की क्षमता हो...क्योंकि हैक्या करें
- हो सके तो वीडियो कॉल करें और घर से सारे सदस्य मिलकर बातें करें। इससे माहौल खुशनुमा होगा।
- रोज ऐसा कोई लक्ष्य साझा करें, जो सबको व्यस्त रखे।
- जहां तक सम्भव हो, रोगों की बातें न करते हुए नियमित व्यायाम, स्वस्थ जीवनशैली और सुरक्षित रहने के उपायों पर बात करें।
- वो घर के बड़े हों या कोई युवा या किसी बेटा-बेटी का एकल परिवार, जो इस समय अकेला और दूर हो, उन्हें इतना इत्मीनान जरूर दें कि वे अपनी चिंताओं को आपसे साझा कर सकें।
- चिंताओं को दरगुज़र करके बात करने से मन में घुमड़ते सवाल व्यक्ति को तनाव और अवसाद दे सकते हैं। इसलिए खुलकर बातें करने की राह बनाए रखें।
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कब सब कुछ नॉर्मल होगा? कब हम फिर से पहले की तरह घूमेंगे-फिरेंगे- ऐसे सवालों पर चर्चा न करें।
- सोशल मीडिया पर मिलने वाले नुस्ख़ों को आज़माने की बातें न करें।
- किस के घर के नजदीक कितने संक्रमित मिले हैं, ऐसी चिंता फैलाने वाली बातें न करें।
- अगर किसी परिचित के घर कोई संक्रमित मिला हो, या कोई ग़मी हो गई हो, तो उसका जिक्र करने का भी यह सही समय नहीं है, खासकर बुजुर्गों, गर्भवतियों या अकेले रह रहे बच्चे से।
लेखिका कैरोलिन मिस के मुताबिक बेहतर जिंदगी के लिए आपके पास अभी सामर्थ्य का छुपा खजाना मौजूद है हिम्मत कीजिए बेहतर जीवन का चुनाव कीजिए ऐसे कदम उठाइए जैसे कि आप में दुनिया बदल देने की क्षमता हो...क्योंकि है
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