लाइफस्टाइल डेस्क. दिल्ली की 26 साल की आर्ची जे अपने टैलेंट से आज लाखों लोंगो को अपना दीवाना बना चुकी हैं। आर्ची भारत की पहली महिला बैगपाइप आर्टिस्ट हैं। भारत में बैगपाइप यंत्र का ज्यादा प्रचलन ना होने के कारण यहां इसे सिखाने वाले ट्रेनर तक नहीं हैं। आर्ची ने कुछ किताबों और ऑनलाइन वीडियोज़ से इसे बज़ाना सीखा है। इंडियन स्टाइल में वेस्टर्न म्यूज़िक का तड़का लगाने वाली आर्ची द्वारा बनाए गए वीडियोज़ को दुनियाभर में सुना जाता है। उनके इस टैलेंट के कारण उन्हें राष्ट्रपति द्वारा भारत की पहली महिलाओं के लिए अवॉर्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है।
ऐसे तोड़ा स्टीरियोटाइप
आर्ची को हमेशा से ही म्यूजिक में दिलचस्पी थी। उन्होंने पहली बार परेड के दौरान बैगपाइप यंत्र को सुना था जिसके बाद उन्हें इसकी आवाज़ काफी पसंद आई थी। आर्ची ने इस यंत्र के बारे में जानकारी इकट्ठा करना शुरू किया कि ये किस तरह काम करता है। जब आर्ची के अंदर बैगपाइप सीखने की इच्छा जागी तो उन्हें भारत में इसे सिखाने वाला कोई नहीं मिला जिसके बाद उन्होंने दुनियाभर के कई प्रोफेशनल आर्टिस्ट्स को मेल भेज उनसे मदद लेने का सोचा। प्रोफेशलन बैगाइप आर्टिस्ट सीन फोलसोम ने आर्ची को जवाब देते हुए उन्हें सिखाने के लिए हां कह दिया। कुछ ज़रूरी जानकारियों के साथ सीन ने उन्हें सीखने के लिए सही किताबों की भी जानकारी दी थी, जिससे आर्ची को सीखने में काफी मदद मिली।
यूएस की कंपनी छोड़ आर्ची बनीं प्रोफेशनल आर्टिस्ट
नोएडा के एशियन स्कूल ऑफ मीडिया से मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्ची ने यूएस आधारित एक कंपनी में नौकरी शुरू कर दी थी। उन्होंने नौकरी करने के साथ-साथ अपने जुनून को भी जिंदा रखा और किताबों की मदद से बैगपाइप यंत्र बजाना सीखा। दो सालों तक अकेले सीखने के बाद आर्ची एक हफ्ते के लिए स्कॉटलैंड के ग्लासग्लो गई थीं। यहां उन्होंने अपने अध्ययन को और बारीकी से करते हुए प्रोफेशलन लोगों से बैगपाइप बजाना सीखा था। एक हफ्ते बाद ग्लासग्लो से वापस आने के बाद आर्ची ने अपने जुनून को ही अपना करियर बनाने का फैसला कर अपनी नौकरी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
पहले ही वीडियो से मिली कामयाबी
आर्ची बैगपाइप बजाने वाली पहली भारतीय महिला होने के अलावा बेहतरीन फ्यूज़न बनाने के लिए भी काफी मशहूर हैं। उन्होंने साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया के फैमस बैंड एसी डीसी के थंडरस्ट्रक गाने की धुन को बैगपाइप यंत्र से बजाकर अपनी वीडियो शेयर की थी। खुद में एक अलग तरह की धुन के कारण ये वीडियो तेज़ी से वायरल हुई थी। इसके बाद लगातार गेम्स ऑफ थ्रोन, स्टार वॉर्स और गॉडफादर के गानों को अपनी धुन देकर आर्ची ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी। फिलहाल वो खुद के बनाए हुए गानों के कंपोज़िशन की ओर बढ़ चुकी हैं। साल 2019 में आए गाने आसमां से को उन्होंने म्यूज़िक के साथ पहली बार अपनी आवाज़ भी दी है।
स्नेक चार्मर नाम से हैं मशहूर
भारतीय संस्कृति से जुड़ा होने के कारण आर्ची ने स्नैक चार्मर नाम को अपना आर्टिस्टिक नाम चुना था। स्नेक चार्मर को भारत में सपेरों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो बीन बजाकर सांप को अपने वश में करते हैं। आर्ची ने अपने यू ट्यूब चैनल को भी द स्नेक चार्मर नाम दिया है। भारत और दुनिया भर के 79 देशों द्वारा उनके इस चैनल को फॉलो किया जाता है। उनके यूट्यूब में महज़ पांच सालों में ही 4.50 लाख सबस्क्राइबर बन चुके हैं।
राष्ट्रपति से मिल चुका है सम्मान
साल 2018 में भारत की 100 ऐसी महिलाओं को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा गौरवपूर्ण सम्मान दिया गया था जो कुछ अलग करने वाली पहली महिलाएं हैं। इन महिलाओं में आर्ची जे ने भारत की पहली प्रोफेशनल बैगपाइपर आर्टिस्ट होने के लिए सम्मान हासिल किया था।
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