जयपुर (राजस्थान).जयपुर के रहने वाले कलाकार शरद माथुर ने 3000 पेज कीहस्तलिखितरामचरितमानस लिखी है। इसे 21 खंडों में तैयार किया गया है। मानस लिखने के लिए माथुर ने ऑइल पेंट और ब्रश का इस्तेमाल किया। इसका वजन150 किलोग्राम है। शरद रामचरितमानस को अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर को भेंट करना चाहते हैं।
शरद बताते हैं, ‘‘मानस को 2013 में लिखना शुरू किया था। सबसे पहले बड़े-बड़े अक्षरों में सुंदर काण्ड लिखा। क्योंकि कई लोगों को छोटे-छोटे अक्षरों में लिखा हुआ पढ़ने में दिक्कत होती है। मैंने रोज दो पेज औसतन लिखा। इसमें मुझे करीब 3 से 5 घंटे तक लग जाते थे। यह सिलसिला 6 साल तक चलता रहा। मेरी इच्छा है कि जब राम मंदिर बने तो वहां हाथ से लिखी हुई रामचरितमानस रखी हो।’’
सारे पेज लेमिनेट कराए
संगीत की शिक्षा देने वाले शरद बताते हैं, ‘‘मानस के 100 से 200 पेज पहले नष्ट हो चुके थे, इसलिए सारे पेज लेमिनेट कराए। संगीत की शिक्षा देने से जो कमाई होती है, उससे घर का गुजारा चलता है। समाज से किसी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिलती। नैतिक बल जरूर मिलता है। मुझे इसी की जरूरत ज्यादा थी।’’
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