शिशु के लिए मां का दूध किसी वरदान से कम नहीं है। ब्रेस्टफीडिंग से उसे वो सारे पोषक तत्व मिल जाते हैं जो उसके विकास के लिए जरूरी है।
अगर पब्लिक प्लेस में ब्रेस्टफीडिंग की बात की जाए तो आज भी ऐसे लोगों की कमी नहीं जिनका अनचाहा ध्यान ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं की तरफ रहता है।
बेबी प्रोडक्ट ब्रांड टॉमी टिप्पी द्वारा ब्रेस्टफीडिंग मदर्स पर सर्वे किया गया। इससे ये पता चला कि हर छ: में से एक महिला घर से बाहर ब्रेस्टफीडिंग करवाते समय असहज महसूस करती है। 26% महिलाओं को स्तनपान करवाते समय पुरुषों की बुरी नजरों का सामना करना पड़ता है।
27% महिलाएं पुरुषों से बचते हुए एक जगह पर बैठकर ब्रेस्टफीडिंग कराने के बजाय अपनी जगह बदलकर ब्रेस्टफीडिंग कराती नजर आती हैं। इनमें से 10% महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग करवाते समय खुद को कपड़ों से ढक कर रखना भी पसंद नहीं करतीं।
द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार 8% महिलाओं ने यह भी कहा कि पब्लिक प्लेस में शिशु को स्तनपान करवाने के दौरान उन्हें अनचाहे कमेंट्स का सामना करना पड़ता है।
टॉमी टिप्पी के स्पोक्सपर्सन निकोल वैलेस कहते हैं मार्केट या अन्य स्थानों पर ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े आज भी कई टैबू हैं। इस तरह के जजमेंट महिलाओं को सबके सामने असहज महसूस कराते हैं। 37% महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर शिशु को स्तनपान कराने से बचती हैं।
इस सर्वे पर एक सीनियर मीड वाइफ लूइस ब्रॉडब्रिज ने कमेंट करते हुए कहा ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली हर मां को किसी भी स्थिति में असहज महसूस नहीं करना चाहिए। उन्हें ये समझना चाहिए कि मां का दूध शिशु की सबसे बड़ी जरूरत है जिसे सही समय पर कहीं भी रहते हुए उसे दिया जाना चाहिए।
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