Saturday, 18 July 2020

6 साल के बच्चे की पढ़ाई आसान बनाने के लिए मां ने बेटे के साथ दो साल तक की ट्रैवलिंग, स्कूल से बेहतर मानती हैं सिखाने का यह तरीका

एक मांअपने छह साल के बेटेको प्राइमरी स्कूल से छुट्‌टी दिलाकर दो साल के लिएउसेटूर पर ले गई।उसका कहना है कि इन दो सालों में बच्चेने जितना सीखा वह कभी क्लासरूम में पढ़ते हुए नहीं सीख सकताथा।
टैरी शांक्स नाम की यह महिला अपने बेटे कैमेरॉन के साथ दो बार वर्ल्ड टूर पर जा चुकी हैं।

जब से कोरोना वायरस का असर शुरू हुआ, वे अपने एडवेंचर टूर को अधूरा छोड़कर घर वापिस आ गईं।द सन में प्रकाशित खबर के अनुसार टैरी सिंगल मदर हैं।

वे कहती हैं यात्रा एक ऐसा अनुभव है जिसके माध्यम से बच्चे बहुत कुछ सीख सकते हैं। 49 साल की इसमहिला के अनुसारमेरे बड़ी बेटी जॉर्जिया की उम्र 22 साल है।

जब वह स्कूल में थी और उसकी छुटि्टयां लगती थीं तो मैं उसे अलग-अलग देशों की यात्रा पर लेकर जाती थी।

टैरी ने उन्हीं दिनों ट्रैवलिंग का महत्व जाना। टैरी कहती हैं ये बात मैं सभी से कहना चाहती हूं कि समय-समय पर यात्रा करना चाहिए। टैरी ने अपने सफर की शुरुआत उस समय की थी जब उनकी बेटी जॉर्जिया की उम्र छह साल थी।

आर्थिक तंगी के चलते टैरी के टूर कभी भी एक हफ्ते से ज्यादा नहीं होते थे। जब कैमेरॉन का जन्म हुआ तो टैरी को यह लगा कि अब उसे अपने बेटे के साथ ट्रैवलिंग के लिए जाना चाहिए।
2017 से टैरी ने अपने टूर के लिए पैसा जमा करने शुरू किया।

जब टैरी नेइस रोमांचक सफर के बारे में कैमेरॉन को बताया तो वह बहुत खुश हुआ। वे कहती हैं -इस टूर का ख्याल आने परमुझे ये भी लगा कि कैमेरॉन की पढ़ाई इससेप्रभावित होगी। लेकिन जब मैंने इस बारे में अपने दोस्तों से बात की तो वह भी यही कहने लगे कि मुझे अपने बेटे के साथ जाना ही चाहिए।


टैरी के पति ने कभी बच्चों की परवाह नहीं की। उसने खुद नौकरी करके दो बच्चों की परवरिश की।2018 में टैरी ने अपने लाड़ले बेटे के साथ इस सफर की शुरुआत की।

इस बीच वे अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, दुबई, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड गईं।टैरी ने अपनी यात्रा के दौरान कैमेरॉन की पढ़ाई का भी पूरा ख्याल रखा।

वे रोज रात को उसे मैथ्सपढ़ातीं थीं।साथ ही अन्य विषय की किताबों से भी नई-नई चीजों की जानकारी देती थीं।अपने बेटे के साथ मिलकर टैरी नेकई आर्ट एंड क्राफ्ट वर्क भी किए। सफर के दौरान टैरी ने ये महसूस किया कि नए-नए लोगों और नए माहौल में कैमेरॉन आसानी से घुल-मिल जाता है।

सितंबर 2019 में वे तीन महीने के लिए अपने घर लौटी ताकि अपनी बेटी जॉर्जिया और दोस्तों से मिल सकें। जनवरी 2020 में टैरी ने एक बार फिर अपने टूर की शुरुआत की। इस बार वेकैमेरॉन के साथ सिंगापुर, फिली, द कुक आइसलैंड और ऑस्ट्रेलिया गईं।

इसी बीच कोरोना वायरस का असर शुरू हुआ और अप्रैल 2020 में उन्हें अपना टूर बीच में छोड़कर वापस आना पड़ा। टैरी के अनुसार कैमेरॉन के साथ अलग-अलग देश घूमते हुए उसने अपने बेटे को हिस्ट्री और जियोग्राफी से संबंधित कई जानकारी दीं।

हर देश के कल्चर को कैमेरॉन ने जाना जो आमतौर पर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे नहीं जान पाते।कैमेरॉन को ये भी समझ में आया कि मैक्सिको जैसे स्थान पर इतनी गरीबी में उसकी उम्र के बच्चे वो सारी सुविधाएं नहीं पा सकते जो उसे मिलती हैं। साथ ही मुश्किल हालातों में किस तरह जिया जा सकता है, ये बात उसने इस टूर के माध्यम से जानी।

टैरी कहती हैं मैं जानती हूं किसी भी पेरेंट्स के लिए बच्चे को पढ़ाई से दूर करके उसे दो साल के टूर पर ले जाना इतना आसान नहीं है। लेकिन ये वो फैसला है जो बच्चों को जिंदगी का सबक देने के लिए लिया जा सकता है। मैंने टूर पर जाने से पहले अपने दिलपर हाथ रखा और जो आवाज आई उसे सुनकर जाने का फैसला लिया। मुझे खुशी है कि मेरा फैसला सही था।

साभार : द सन



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
In order to make the education of a 6-year-old child, the mother considers this the way of teaching with the son for two years, better than school


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3h99qFt

No comments:

Post a Comment

Goldprice dips Rs 10 to Rs 62,720, silver falls Rs 100 to Rs 74,900

The price of 22-carat gold also fell Rs 10 with the yellow metal selling at Rs 57,490 from Markets https://ift.tt/rpZGNwM