असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 21 अगस्त को प्रकाशित दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, असम में चल रही बाढ़ से 30 जिलों के 56.9 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इस बाढ़ से घिरी महिलाओं की तमाम परेशानियों के साथ एक परेशानी सैनिटरी पैड न मिल पाना भी है।
राहत किट में सैनिटरी पैड को शामिल करने के लिए कार्यकर्ता मयूरी भट्टाचार्जी ने Change.org याचिका शुरू की है। असम में 600 से अधिक राहत शिविर और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल तैनात किया गया है।
इन मुश्किल हालातों में उन महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड की कोई सुविधा नहीं है जिन्हें हर महीने इसकी जरूरत होती है। बाढ़ राहत किट में सैनिटरी पैड का न होना महिलाओं के लिए दुर्भाग्यपूर्ण ही है।
मयूरी कहती हैं - ''मैं असम की बाढ़ प्रभावित उन लाखों लड़कियों और महिलाओं की ओर से बोल रही हूं जो हर साल बाढ़ में फंस जाती हैं। यहां जब बाढ़ का पानी आता है तो घर का एक कपड़ा भी साफ और सूखा नहीं रहता।
जब इन महिलाओं को राहत कैंप में जगह दी जाती है तो वहां भी इनके लिए सैनिटरी पैड की सुविधा नहीं होती। न ही टॉयलेट का उचित प्रबंध होता है''।
असम में तेजपुर की रहने वाले भट्टाचार्जी ने राज्य के मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा से आपदा के दौरान जरूर सामानों की सूची में सेनेटरी पैड को शामिल करने का आग्रह किया है। वह लगातार राज्यमंत्री को ईमेल भी करती रही हैं। लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर मयूरी ने इस याचिका की शुरुआत की।
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