कोविड - 19 के दौर में आए दिन ऐसी कई मिसाल सामने आ रही हैं जब अपनों से ज्यादा गैरों ने लोगों की मदद की है। लेकिन इन सब कहानियों से आगे एक कहानी मुंबई की मिर्जा शेख की है।
मलाड के मलवानी क्षेत्र में रहने वाले इस कपल ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों और झुग्गियों में रह रहे लोगों को भूखे रहने से बचाया है।
उन्होंने गरीब बच्चों की पढ़ाई भी नहीं रूकने दी और लोगों को खाना खिलाने के लिए अपने बचत की हुई पूरी राशि को खर्च कर दिया। इस कपल का नाम है फैयाज और मिर्जा शेख। लोगों के बीच इस कपल की खूब तारीफ हो रही है।
तीन महीने की फीस माफ कर दी
मिर्जा एक स्कूल में प्रिंसिपल के तौर पर काम करती हैं। लॉकडाउन में उन्हें कई स्टूडेंट्स ने बताया कि उनके पेरेंट्स का रोजगार जाने की वजह से अब शायद वे पढ़ाई जारी नहीं रख पाएंगे। ये सुनने के बाद मिर्जा ने उन्हें स्कूल फीस की चिंता न करने का विश्वास दिलाया और उनकी तीन महीने की फीस माफ कर दी।
इनके भूखे रहने के दिन आ गए
अपने लिए दो वक्त की रोटी न जुटा पाने इन गरीबों के लिए ऑनलाइन क्लासेस का हिस्सा बनना भी आसान नहीं है। झुग्गियों में रहने वाले इन गरीबों के लिए जितनी मुश्किलें पढ़ाई के दौरान देखी जाती हैं, उससे कई ज्यादा रोजमर्रा की जिंदगी में देखने को मिलती हैं। लॉकडाउन के चलते काम बंद हो जाने की वजह से इनके भूखे रहने के दिन आ गए।
खाना खिलाने का काम शुरू किया
जब मिर्जा से इनकी हालत देखी नहीं गई तो उसने अपने कुछ दोस्तों और पति के साथ मिलकर इन लोगों को खाना खिलाने का काम शुरू किया। अपने बचत किए हुए वे पैसे जो इस कपल ने घर खरीदने के लिए रखे थे, वे भी गरीबों की मदद करने में खर्च कर दिए। उन्होंने कम से कम 1500 लोगों को राशन बांटने का काम शुरू किया।
अपना सौभाग्य समझूंगा
इस कपल की अच्छाई की तारीफ किए बिना खुद आनंद महिंद्रा भी नहीं रह पाए। उन्होंने इस कपल की कहानी अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा इस खबर को पढ़ने के बाद मैं नीचे स्वाइप नहीं कर पाया। मुझे नहीं पता कि अमीर या अन्य लोग अपनी बचत को किसी वजह से इस्तेमाल करते हैं या नहीं। लेकिन अगर इस कपल की ये खबर पक्की है तो मैं इनके नुकसान की भरपाई करना अपना सौभाग्य समझूंगा।
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