लाइफस्टाइल डेस्क. अमेरिकन असोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस के शोध में पाया गया कि पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स प्रदूषण बढ़ाते हैं। ब्यूटी टूल्स बनाने वाली कंपनियां वेस्ट कम करने के लिए प्लास्टिक पैकिंग की बजाय अब ऐसे उपकरण तैयार कर रही हैं जिन्हेें साफ करके दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। कंज्यूमर भी अब इको-फ्रेंडली चीजें तलाश रहे हैं।
ब्यूटी वैनिटी को इको-फ्रेंडली बनाएंगे ये पांच प्रोडक्ट्स
ट्री-फ्री ब्रश: ब्रश भी इको-फ्रेंडली हो रहे हैं। ब्रश बनाने के लिए कुछ कंपनियां रीसाइकल्ड एलुमिनियम और प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रही हैं। इसके अलावा रिन्युएबल बैंबू का उपयोग भी हो रहा है। पैकिंग को 100 प्रतिशत ट्री-फ्री रखा जा रहा है। इन्हें कॉटन और बैंबू से तैयार किया जा रहा है। ये ब्रश ज्यादा महंगे नहीं होते हैं।
मिनिमल पैक्ड मेकअप: क्लीन और ग्रीन मेकअप का इस्तेमाल करने का मतलब है वेस्ट को बढ़ने से रोकना और बेहतर इंग्रीडिएंट्स वाला मेकअप पाना। इको-फ्रेंडली मेकअप बनाने वाली कंपनियां अब मिनिमल पैकेजिंग वाले मेकअप प्रोडक्ट्स बना रही हैं। इन्हें प्लांटेबल सीड पेपर में पैक किया जाता है। आईशैडो के लिए रीयूजेबल बैंबू पैलेट्स भी बनाए जा रहे हैं।
मेकअप रिमूवर वाइप्स: एक बार इस्तेमाल करके ही मेकअप वाइप्स को फेंक दिया जाता है। इसलिए कुछ कंपनियों ने अब बैंबू पैड्स बनाने शुरू कर दिए हैं। ये बैंबू से ही बनते हैं और दावा है कि इन्हें करीब एक हजार बार इस्तेमाल किया जा सकता है। प्लास्टिक फ्री पैकेजिंग दी जा रही है जिसे रीसाइकल किया जा सकता है। कंपनियां दावा कर रही हैं कि बैंबू के 20 पैड्स 2000 साधारण पैड्स के बराबर हैं।
फेशियल क्लेंसिंग टूल: डीप क्लीनिंग और एक्सफोलिएटिंग टूल है। ऐसे ज्यादातर टूल्स ब्रश से बनते हैं पर अब सिलिकोन से बने फेशियल टूल्स भी मिल रहे हैं जिन्हें बदलने की जरूरत ही नहीं पड़ती। हर मिनट ये 7000 वाइब्रेशन्स छोड़ते हैं जिससे स्किन की बेहतर सफाई होती है। इसमें कई क्लेंसिंग मोड्स भी होते हैं। ये कई रंग में मिलते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3aRHP8w
No comments:
Post a Comment