मुंबई. दुबई में 24 से 27 अक्टूबर तकरोबोटिक्स प्रतियोगिता ‘फर्स्ट ग्लोबल चैलेंज 2019’शुरूहोने वालीहै। भारत की ओर सेइस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने मुंबई की पांच स्कूली छात्राएं जाएंगी। सभी की उम्र 14 से 18 साल केबीच है। इन प्रतिभागियों को एक ऐसा रोबोट बनाना है, जो महासागरों की सफाई कर सके।
इस सालप्रतियोगिता का विषय समुद्री प्रदूषण पर केंद्रित है। इसका नाम‘ओशन अपॉर्च्युनिटीज’है। इसके माध्यम सेलोगों को समुद्री जीवन बचाने के लिए जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा।इसमें बताया जाएगा कि कैसेदुनिया की आबादी समुद्री जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करतीहै।
प्रतियोगिता के लिए फंड रेजिंग का कार्य देख रहीराधिका सेखसरिया ने बुधवार को कहा कि लड़कियों की हमारी पहली टीम हैं, जो रोबोटिक्स को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के वैश्विक मंच पर जा रही है। रोबोट डिजाइन पर काम कर रहीं आरुषि शाह ने कहा कि‘फर्स्ट ग्लोबल चैलेंज' को रोबोटिक्स का ओलिंपिक माना जाता है। इस प्रतियोगिता के लिए हमें ऐसा रोबोट बनाने के लिए कहा गया है, जो एक खास टास्क पूरा कर सके। हमें पूरी उम्मीद है कि हम जीतेंगे और देश को गौरवान्वितकरेंगे।
‘हमारी बेटियां देश का मान बढ़ाएंगीं’
राधिका के पिता रोहित सेखसरिया ने कहा कि हमारी बेटियां वैश्विक मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाली हैं। यह हम सभी माता-पिता के लिएखुशी की बात है। हमें उम्मीद है कि हमारी बेटियां देश का मान बढ़ाएंगीं।
यह प्रतियोगिता का तीसरा संस्करण
आरुषी रोबॉट डिजाइन के अलावा, इलेक्ट्रिक का काम भी देख रही हैं। वहीं, आयुषी नैयनानस्ट्रैट्जी और कंस्ट्रक्शन, जसमेहर कोचर प्रोग्रामिंग और लावण्य अय्यर रोबॉट निर्माण का काम कर रही हैं। रोबोटिक्स प्रतियोगिता फर्स्ट ग्लोबल चैलेंजतीसरा संस्करण है। इसमें 193 देशों के 2,000 से ज्यादा छात्राएं शामिल होने वालीहैं।
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