लाइफस्टाइल डेस्क. पाकिस्तानी मूल के अकबर अली फ्रांस की राजधानी पेरिस की सड़कों पर अखबार बेचने का काम करते हैं। 65 साल के अली सिर्फ ले मोंडे अखबार ही बेचते हैं। वो पिछले 47 सालों से यही काम कर रहे हैं और शायद इस तरह अखबार बेचने वाले वो आखिरी शख्स हैं। अली मजाकिया अंदाज में अखबार बेचते हैं। वे उसे बेचने के लिए हेडलाइन्स और बड़ी खबरों को मजाकिया ढंग से बोलते हैं। उनके अखबार बेचने के इस अंदाज के लोग कायल हैं।
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- गल्फ न्यूज से बात करते हुए अली ने बताया कि मैं सातों दिन काम करता हूं और रविवार के दिन भी अखबार बेचता हूं। पेरिस के लोगों को ये पता होता है कि मैं किस वक्त कहां मिलूंगा।
- आगे अली बताते हैं, 'आमतौर पर मैं लैटिन क्वार्टर या उसके आस-पास पेपर बेचता हूं। पेरिस के लोग मुझे दूर से पहचान लेते हैं। वो मुझे मेरी पुरानी साइकल से आते हुए देखते हैं और मेरे हेडलाइन बोलने के तरीके से मुझे पहचान लेते हैं। वे लोग मेरे करीब आकर अखबार खरीदते हैं। मैं अब लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया हूं।'
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अली बताते हैं कि वे अखबार बेचने के लिए कई बार झूठी हेडलाइन जोर-जोर से बोलते हैं। झूठी खबर को सुन लोग उनके पास आते हैं। फिर वे उन्हें बताते है कि ऐसा उन्होंने लोगों का ध्यान खींचने के लिए किया था। लेकिन कभी लोगों ने उन्हें इस बात के लिए नहीं टोका। बल्कि लोगों को अखबार बेचने का उनका ये तरीका पसंद आता है। जब मीडिया में अमेरिका के व्हाइट हाउस में काम करने वाली मोनिका लेविंस्की और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति क्लिंटन के अफेयर की खबरें उड़ी तो अली ने इस खबर को भुनाते हुए ये अफवाह उड़ा दी की मोनिका क्लिंटन के जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली हैं।इस खबर की चर्चा उस वक्त हर गली-मौहल्ले में हुई थी।
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इसके अलावा एक बार न्यूयॉर्क के होटल में अफ्रीकी महिला ने डोमिनिक स्ट्रॉस-कान पर सैक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे। तब अली ने इस खबर को लेकर ये अफवाह उड़ा दी थी कि स्ट्रॉस-कान को गिरफ्तार कर लिया गया है, क्योंकि वो एक बकरी के साथ था। उस वक्त अली ने ले मोंडे अखबार की 500 कॉपियां बेची थीं।हालांकि अली कहते हैं कि अब अखबार का कारोबार घट रहा है। क्योंकि लोग टीवी और डिजिटल न्यूज ज्यादा पसंद करते हैं। अब मैं अखबार की केवल 50 कॉपियां ही बेच पाता हूं। जबकि एक वक्त था जब मैं एक दिन में 250 कॉपियां बेचा करता था।
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जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने इस काम को छोड़ कर कुछ और करने के बारे में क्यों नहीं सोचा तो इस पर वो कहते हैं- 'इस काम की वजह से मैंने कई नेता, लेखक और चर्चित लोगों को दोस्त बनाया है। वो लोग मुझे मेरे नाम से जानते हैं और कई बार चाय-कॉफी के लिए बुलाते हैं।मैं पेरिस की सड़कों पर अखबार बेचने वाला आखिरी व्यक्ति हूं। इसलिए मैंने कभी इस काम को छोड़ने के बारे में नहीं सोचा।'
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सीनियर मीडिया रिसर्चर और अली के एक प्रशंसक जैक्स रोसेलिन ने गल्फ न्यूज को बताया कि दुनिया के बाकी देशों की तरह ही फ्रांस में भी अखबार का क्रेज लोगों में कम हुआ है। अब लोगों का रुझान डिजिटल न्यूज की तरफ बढ़ा है।
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- अली का जन्म पाकिस्तान के रावलपिंडी में हुआ और उन्होंने अपना बचपन वहीं बिताया। वो वहां पत्नी और पांच बेटों के साथ रहा करते थे। 1972 में अली टूरिस्ट वीजा के जरिए फ्रांस आएऔर वो यहीं बस गए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी मुस्लिम होने के कारण उन्हें कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन साथ ही यहां उन्हें अच्छे लोग मिले हैं जो उनकी मदद करते हैं। पाकिस्तान में अब केवल उनकी मां रहती हैं जो 92 साल की हैं। वे कभी-कभी उनसे मिलने जाते हैं।
- अली ने किताबें भी लिखी हैं, जैसे 'I Make the World Laugh, but the World Makes me Cry।' ये बुक एक आत्मकथा है। ये उनकी परेशानियों और उनकी खराब पृष्ठभूमि के खिलाफ उनके संघर्ष को बयां करती हैं।उन्होंने एक और किताब लिखी है जिसका नाम है- 'अखबार विक्रेता की एक शानदार कहानी जिसने दुनिया पर विजय पाई।'
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